الثلاثاء، 23 مايو 2023

शिक्षिका ने उपराष्ट्रपति से कहा, इससे बेहतर गुरु दक्षिणा नहीं हो सकती।

शिक्षिका ने उपराष्ट्रपति से कहा, 'इससे बेहतर गुरु दक्षिणा नहीं हो सकती।'


भारतीय संस्कृति में यह बात बताई जाती है कि गुरु से बड़ा कोई पद नहीं होता है। हमारी संस्कृति में यह बात शुरू से ही बताई और सिखाई जाती है। शास्त्रों में गुरु का दर्जा भगवान से भी ऊपर माना गया है। 


शिक्षिका ने उपराष्ट्रपति से कहा, 'इससे बेहतर गुरु दक्षिणा नहीं हो सकती।'


सोमवार को भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी इसी भारतीय परंपरा का पालन करते नजर आए। वह अपनी पत्नी सुदेश धनखड़ के साथ अपने स्कूल की एक शिक्षिका से मिलने उनके घर तक गए। इतने सालों बाद अपने शिष्य को देखकर उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उपराष्ट्रपति ने अपने शिक्षक के सामने झुककर पूरे सम्मान के साथ उनका अभिवादन किया। इस शिक्षिका का नाम रत्ना नायर है। रत्ना नायर उनकी स्कूल टीचर रही हैं। वह कन्नूर के पन्नियानूर ग्राम पंचायत क्षेत्र में रहती हैं। ऊपर दिखाई गई तस्वीर उसी वक्त की है। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ दो दिवसीय केरल दौरे पर हैं। सोमवार को उपराष्ट्रपति अपने शिक्षक से मिले। वर्षों बाद अपने छात्र को देखकर रत्ना नायर बहुत खुश हुई। 


शिक्षिका ने उपराष्ट्रपति से कहा, 'इससे बेहतर गुरु दक्षिणा नहीं हो सकती।' 


शिक्षिका और उनके परिवार ने उपराष्ट्रपति का नारियल पानी से स्वागत किया। उन्हें और उनकी पत्नी को घर की बनी इडली और केले के चिप्स परोसें। नायर ने कहा कि धनखड़ काफी सक्रिय, अनुशासित और आज्ञाकारी लड़का था। वह कक्षा के अंदर और बाहर सभी गतिविधियों में बहुत अच्छा प्रदर्शन करता था। वह डिबेट में बहुत अच्छे थे। वह खेल और पढ़ाई में भी मेधावी था। धनखड़ सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ बोर्डिंग स्कूल में उनके छात्र थे।

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