الأحد، 23 يوليو 2023

क्या नॉन टेट पास शिक्षक/शिक्षिका हो जायेंगे पदोन्नति की प्रक्रिया से बाहर! बेसिक शिक्षा विभाग कर रहा मंथन।

क्या नॉन टेट पास शिक्षक/शिक्षिका हो जायेंगे पदोन्नति की प्रक्रिया से बाहर! बेसिक शिक्षा विभाग कर रहा मंथन।

◾टीईटी को लेकर फंस रहा पेंच, बेसिक शिक्षा विभाग कर रहा मंथन

◾इस बार होने वाले प्रमोशन में आधे से ज्यादा बेसिक शिक्षक,  इस प्रक्रिया से बाहर हो सकते हैं। 

फरवरी 2023 में जो पदोन्नति आदेश जारी किया गया था उनमें प्राइमरी टीईटी और जूनियर टीईटी का कहीं भी जिक्र नहीं था। जो वरिष्ठता सूची तैयार की गई है, उसमें टीईटी और गैर टीईटी दोनों तरह के शिक्षक हैं।

प्राथमिक शिक्षकों को जूनियर सहायक शिक्षक या प्राथमिक के हेड मास्टर के पद पर पदोन्नत किया जाना है। इसमें तीन प्रकार के शिक्षक हैं।

◾जिनकी नियुक्ति 2011 से पहले हुई है और उन्होंने टीईटी पास नहीं किया है। 

◾जिनकी नियुक्ति 2011 के बाद हुई है और प्राइमरी TET पास है। 

◾जिन्होंने प्रमोशन की उम्मीद में जूनियर TET भी उत्तीर्ण कर लिया है। 

तीनों को समान रूप से प्रमोशन दिया जाए या न दिया जाए, इस पर अब विचार हो रहा है। वजह है कि वरिष्ठता और योग्यता को लेकर विवाद खड़ा हो जाएगा। ऐसे में विभाग अब विचार कर रहा है कि बिना TET वालों को फिलहाल बाहर रखा जाय या फिर सिर्फ जूनियर TET वालों का ही प्रमोशन किया जाए।

इस बार होने वाले प्रमोशन में आधे से ज्यादा बेसिक शिक्षक, इस प्रक्रिया से बाहर हो सकते हैं। इसका कारण अनिवार्य योग्यता शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास न करना है। जो लोग टीईटी पास नहीं हैं, उन्हें प्रमोशन से रोका जा सकता है। विभाग इस पूरी प्रक्रिया को पूरा करने से पहले गंभीरता से विचार कर रहा है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद का कहना है कि जो भी नियम-कायदे होंगे, उसी के अनुसार निर्णय लिया जाएगा।

सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों (बीएसए) को सचिव बेसिक शिक्षा परिषद ने वरिष्ठता सूची की जांच कर 24 जुलाई तक पोर्टल पर अपलोड करने का आदेश देने के साथ ही त्रुटिविहीन और अनंतिम सूची पोर्टल पर अपलोड करने का प्रमाण पत्र भी मांगा है।

परिषदीय अध्यापकों की पदोन्नति की प्रक्रिया फरवरी में शुरू होने के छः माह बाद भी पूरी नही हो सकी है। इसी बीच तबादलों के आदेश हो गए जो कि अब पूरे हो चुके हैं। अब इसके बाद प्रमोशन की प्रक्रिया फिर से शुरू कर दी गई है।

कहां हो रही है दिक्कत ?

दरअसल, पहले राज्य में अलग-अलग जिलों के हिसाब से प्रमोशन होते थे। कुछ जिले ऐसे हैं जहां 10-15 साल से प्रमोशन नहीं हुआ है। आखिरी बार 2016 में प्रमोशन हुआ था। टीईटी का नियम 2011 में लागू हुआ। ऐसे में 2018 में प्रमोशन प्रक्रिया रोकनी पड़ी, क्योंकि कुछ शिक्षक कोर्ट चले गए थे। कोर्ट ने नई नियुक्तियों और प्रमोशन के लिए टीईटी को अनिवार्य योग्यता माना। इसके बाद बेसिक शिक्षा परिषद ने ही प्रमोशन पर रोक लगा दी। 

अब यह पेच यहां भी फंस रहा है कि 2011 से पहले टीईटी अनिवार्य नहीं था। ऐसे में समस्या है कि बिना टीईटी वालों को प्रमोशन दिया जाए या नहीं। इसी तरह जो प्राइमरी टीईटी पास कर चुके हैं, उन्हें प्रमोट किया जाना चाहिए या नहीं? अब जूनियर स्कूलों में शिक्षकों का प्रमोशन होना है और ऐसे बहुत कम शिक्षक हैं जिन्होंने जूनियर टीईटी पास किया है, यदि जूनियर टीईटी लागू हुआ तो अधिकांश शिक्षक प्रोन्नति प्रक्रिया से बाहर हो जायेंगे। 

फिलहाल देखने वाली बात यह होगी कि विभाग इस पूरी प्रक्रिया में अंतिम निर्णय क्या लेता है।

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