Monday 6 February 2023

सेवा काल मे किसी अनहोनी की स्थिति में बेसिक शिक्षक अपने परिवार की आर्थिक सुरक्षा हेतु समय रहते डेथ कम रिटायरमेन्ट ग्रेच्यूटी का विकल्प जरूर भरें।

सेवा काल मे किसी अनहोनी की स्थिति में बेसिक शिक्षक अपने परिवार की आर्थिक सुरक्षा हेतु समय रहते डेथ कम रिटायरमेन्ट ग्रेच्यूटी का विकल्प जरूर भरें। 

सेवानिवॄत्त या सेवा काल मे मृत राज्य कर्मचारियों के परिजनों को ग्रेच्युटी के लाखों रुपये स्वतः मिलते हैं। ये लाभ इसलिये मिलता है,क्योकि कर्मचारी 60 में रिटायर होते हैं, जबकि यह लाभ शिक्षक के 62 में रिटायर होने के कारण नहीं मिलता है।यदि शिक्षक भी शासनादेशों के अनुसार 60 वर्ष में सेवानिवृति का विकल्प ले लें, तो उन्हें भी यह लाभ समान रूप से प्राप्त होता है।अधिक जागरूक होने के कारण इंटर कालेजों, डिग्री कालेजों, मेडिकल कालेज व यूनिवर्सिटियों के शिक्षकों को ये सुविधा बहुत पहले से प्राप्त है। लिहाजा वे 60 वर्ष में ही सेवानिवृति का विकल्प देकर सेवानिवृत या असामयिक मृत्यु की दशा में ग्रेच्यूटी के लाखों रुपये पाते है।जबकि बेसिक शिक्षक जानकारी के अभाव में या कतिपय कारणों से ये विकल्प नही लेते हैं और कभी कभी 60 वर्ष की उम्र से पहले ही सेवाकाल में मृत्यु हो जाने की दशा में डेथ ग्रेच्यूटी से वंचित हो जाते हैं या उनके परिजन कोर्ट कचहरी का चक्कर लगाते हैं। 

कब से प्राप्त हो रही है डेथ ग्रेक्युटी की सुविधा ?

 हम बेसिक शिक्षकों को भी शिक्षा/वित्त विभाग से डेथ कम रिटायरमेन्ट ग्रेच्यूटी जैसी शिक्षक हितकारी व्यवस्था 1994 से ही प्राप्त है, लेकिन अफसोस जागरूकता और जानकारी के अभाव हर साल सेवाकाल में मृत होने वाले शिक्षकों के परिजन ये लाभ नहीं पा सके, जबकि इसी शासनादेश 1994 के आधार पर इसी बेसिक विभाग के चतुर्थ श्रेणी से लेकर बाबू तक आराम से लाभ ले रहे हैं।

बेसिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश के शिक्षकों/कार्मिकों के लिये ग्रेच्यूटी की सुविधा पहली बार शिक्षा अनुभाग 5 के शासनादेश संख्या 6369/15-5- 93-55 /89 दिनांक 23-11-1994 द्वारा स्वीकृत किया था। उस समय बेसिक शिक्षक की सेवा निवृति की आयु 60 वर्ष थी। इसलिये ग्रेच्यूटी लाभ के लिये 58 वर्ष के सेवानिवृति का विकल्प देना था।

4 फरवरी 2004 को बेसिक शिक्षकों की सेवानिवृति आयु 62 वर्ष कर दी गयी। इसलिये अब ग्रेच्यूटी का लाभ 60 वर्ष की आयु में सेवानिवृति का विकल्प देने पर मिलता है।

प्रत्येक वेतन आयोग में बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों एवं कार्मिकों के पेंशन/फेमिली पेंशन तथा 60 वर्ष में डेथ कम रिटायरमेन्ट ग्रेच्यूटी लाभ देने की प्रक्रिया और ग्रेच्युटी धनराशि में केंद्र सरकार के समकक्ष बढ़ोत्तरी के लिए शिक्षा अनुभाग 5 से आदेश जारी किये जाते हैं। ये सभी आदेश वित्त विभाग की सहमति के बाद निर्गत किये जाते हैं, जिसका उल्लेख हमेशा शासनादेश के अंतिम पैरा में होता है। 

कितना है सेवानिवृत्ति/डेथ ग्रेच्यूटी की यह सीमा ?

पंचम वेतन आयोग में शिक्षा अनुभाग 5 के शासनादेश संख्या 5674/दिनांक 28 नवम्बर 1998 के प्रस्तर 5 के अनुसार जनवरी 1996 से सेवानिवृत्ति/डेथ ग्रेच्यूटी की यह सीमा 3.5 लाख थी।

छठे वेतन आयोग के शिक्षा अनुभाग 5 के शासनादेश 1754 दिनांक 16 सितम्बर 2009 द्वारा जनवरी 2006 से दिसम्बर तक यह बढ़कर 10 लाख हो गया। सातवे वेतन आयोग में शिक्षा अनुभाग 5 के शासनादेश 1740/दिनांक 23 अगस्त 2017 द्वारा जनवरी 2016 से यह लाभ 20 लाख कर दिया गया।

दोस्तों, ईश्वर हर किसी को स्वस्थ रखें, सुरक्षित रखें। सभी शिक्षकों का परिवार खुशहाल रहे। सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने हेतु सरकार भी कार्य करती है, और हमारी भी जिम्मेदारी है कि सामाजिक सुरक्षा का लाभ हम परिवार तक पहुंचाएं, उसके लिए यत्न करें।

डेथ ग्रेच्युटी के बारे में जानें 

👉 ऐसे शिक्षक जिन्होंने न्यूनतम 5 वर्ष की सेवा पूरी कर लिया हो। उन्हें ग्रेच्युटी का लाभ मिलता है। शिक्षक की असामयिक/प्राकृतिक/दुर्घटना से या किसी भी तरह से मौत हो जाती है, तो उनके परिवार को डेथ ग्रेच्युटी के रूप में अंतिम वेतन का लगभग साढ़े सोलह गुना राशि उनके परिवार/आश्रित को देय होते हैं। यानी पूरे साढ़े सोलह महीने के वेतन के बराबर धनराशि। अधिकतम 20 लाख रूपये। यही डेथ ग्रेच्युटी कहलाती है।

👉 मान लिजिए कि किसी शिक्षक का अंतिम वेतन 70 हजार रुपए हैं, तो डेथ ग्रेच्युटी के रूप में उसके परिवार को 11 लाख 55 हजार रुपए मिलेंगे। मुसीबत के समय में इतनी बड़ी आर्थिक सहायता कौन देगा?

✍️ प्रश्न :- ग्रेच्युटी का लाभ लेने के लिए क्या करना होगा?जवाब :– इसके लिए 60 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्ति का विकल्प देना होगा! 60 वर्ष पर सेवानिवृत्ति का विकल्प भरने के बाद भी शिक्षा निदेशक(मा.) उ.प्र.लखनऊ द्वारा आदेश पत्रांक-सा०(1)/शि०/3301-95/2005-2006, दिनाकं-23 जून 2005 के अनुसार शिक्षक को सत्र लाभ भी देय होगा।

✍️ प्रश्न :- अगर 62 वर्ष पर सेवानिवृत्ति का विकल्प दें, और 57 वर्ष की आयु पर मृत्यु की दशा में ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा?

जवाब :– बिलकुल नहीं। ग्रेच्युटी का लाभ केवल उन्हीं को दिया जा सकता है, जिन्होंने 60 वर्ष पर सेवानिवृत्ति का विकल्प दिया है।

3.प्रश्न :- क्या बाद में सेवानिवृत्ति की आयु 60 से 62 वर्ष कर सकते हैं?

जवाब :– अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों को शासनादेश संख्या-395/15-8-99/3003(78)/90 दिनाकं-17 फरवरी 1999 के अनुसार सेवानिवृत्ति के एक वर्ष पूर्व तक विकल्प परिवर्तित करने की सुविधा प्रदान की गयी है।

✍️ प्रश्न :- क्या एनपीएस के दायरे में आने वाले शिक्षकों को भी ग्रेच्युटी की सुविधा मिलती है?

जवाब :– हां बिलकुल। पूर्व में स्पष्टता के अभाव में कई तरह के भ्रम थे। एनपीएस के दायरे में आने वाले शिक्षकों को भी ग्रेच्युटी/डेथ ग्रेच्युटी का लाभ मिलता है।

✍️ प्रश्न :- विकल्प के अभाव में मृत्यु होने पर ग्रेच्युटी भुगतान संबंधी उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद भी सेवानिवृत्ति का विकल्प देना जरूरी है?

जवाब :- हां बिलकुल। क्योंकि आज भी सरकारी फाइलों के मकड़जाल और सरकारी तंत्र की कार्यसंस्कृति के कारण उक्त आदेश के बाद भी ग्रेच्युटी का भुगतान नहीं हो पा रहा है। इसलिए जरूरी है कि सभी शिक्षक सेवानिवृत्ति का विकल्प भरें। परिवार को न्यायालय का चक्कर काटने और सरकारी तंत्र के भरोसे छोड़ना उचित नहीं।

✍️ प्रश्न :- अगर हमने 60 साल का विकल्प भर दिया, और 59 साल का होने पर अब 62 साल तक नौकरी करने की इच्छा हो जायेगी, तब हम क्या करेंगे?

जवाब :–शासनादेश संख्या-395/15-8-99/3003(78)/90 दिनाकं-17 फरवरी 1999 और शिक्षा निदेशक(मा.) उ.प्र.लखनऊ द्वारा आदेश पत्रांक-सा०(1)/शि०/3301-95/2005-2006, दिनाकं-23 जून 2005 के अनुसार सेवानिवृत्ति के वर्ष तक अपने विकल्प बदल सकते हैं। विकल्प बदलने में कोई वैधानिक समस्या नहीं है ।

डेथ ग्रेच्युटी सुविधा/सेवानिवृतिक लाभ के पीडीएफ फॉर्म




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