1. उच्च प्राथमिक विद्यालयों तथा केजीबीवी में मीना मंच का पुनर्गठन -
बालिकाओं में नेतृत्व तथा अभिव्यक्ति की क्षमता संवर्द्धन करने तथा विभिन्न कौशलों को विकसित करने हेतु उच्च प्राथमिक विद्यालयों में मीना मंच गठित किये गये हैं। मीना मंचों को सक्रिय बनाते हुये बालिकाओ की प्रारम्भिक शिक्षा पूरी करनें तथा उनके सशक्तीकरण के उद्देश्य से उच्च प्राथमिक विद्यालयों तथा केजीबीवी में मीना मंचों का पुनर्गठन किया जाना है। मीना मंच के गठन की प्रक्रिया, कार्य एवं दायित्व संबंधी विवरण पत्र के साथ संलग्न है।
⚫ पॉवर एंजिल का चयन एवं उनके दायित्व -
मीना मंच की सक्रिय बालिकाओं में से प्रत्येक कक्षा के लिये 01 बालिका को पॉवर एन्जिल के रूप में चिन्हित किया जाये। पॉवर एन्जिल को उनके अधिकार एवं दायित्वों की जानकारी सुगमकर्ता द्वारा प्रदान की जाये।
पॉवर एंजिल भूमिका -
(1) पॉवर एंजिल अपनी कक्षा की प्रत्येक छात्रा से निरन्तर सम्पर्क रखेगी और अपने सहपाठिनियों को उचित व्यवहार तथा कक्षा में या कक्षा से बाहर किसी प्रकार के अवांछित आचरण एवं दुर्व्यवहार के प्रति सतर्क रहने के लिए परामर्श देगी। किसी भी छात्रा द्वारा ऐसी किसी भी घटना से ग्रसित अथवा सामना होने पर उनके द्वारा यह सूचना पॉवर एन्जिल को दी जाएगी । पॉवर एन्जिल द्वारा सम्बन्धित छात्रा को यथा परामर्श देते हुए तत्सम्बन्धित जानकारी उसके द्वारा तुरन्त कक्षाध्यापक/ कक्षाध्यापिका, प्रधानाध्यापक / प्रधानाध्यापिका को दी जाएगी।
(2) ऐसी बालिकाएं जो प्रायः विद्यालय में अनुपस्थित रहती हैं, उनको विद्यालय में नियमित उपस्थिति हेतु कार्ययोजना बनाते हुए उनके अभिभावकों से संपर्क करते हुए उनकी समस्या का समाधान करें।
(3) समय-समय पर पॉवर एन्जिल को विद्यालय के सुगमकर्ता / जिला समन्वयक बालिका शिक्षा द्वारा पृथक से मार्गदर्शन प्रदान किया जाए। मीना सभा में इस सम्बन्ध में बालिकाओं को आवश्यक जानकारियां प्रदान की जाये।
⚫ बालिकाओं की उपस्थिति हेतु ठहराव परिक्रमा -
विद्यालय में बालिकाओं की नियमित उपस्थिति के लिये प्रत्येक माह ऐसी बालिकाओं की सूची बनायी जाये, जो उस माह अनुपस्थित रही हैं, उन बालिकाओं को नियमित विद्यालय लाने के लिये प्रत्येक माह के अंतिम कार्य दिवस के दिन शिक्षण कार्य के उपरांत पॉवर एन्जिल के नेतृत्व में ठहराव परिक्रमा का आयोजन किया जाये । ठहराव परिक्रमा के अंतर्गत बच्चों की रैली को निकालते हुये उन बच्चों के घरों का भ्रमण किया जाये, जिनकी सूची बनायी गयी है तथा उनके अभिभावकों से संवाद स्थापित करते हुये बच्चों को प्रतिदिन विद्यालय आने के लिये प्रेरित किया जाये।
⚫ मीना मंच की सुगमकर्ता -
मीना मंच की गतिविधियों को संचालित करने के लिए विद्यालय की एक अध्यापिका को सुगमकर्ता के रूप में नामित किया जाये । विद्यालय में महिला अध्यापिका न होने की दशा में सक्रिय पुरुष अध्यापक का चयन किया जाये। सुगमकर्ता का यह दायित्व होगा कि वह मीना मंच सम्बन्धी समस्त गतिविधियों का आयोजन कराये, कार्यक्रम का दस्तावेजीकरण करें। मीना मंच की गतिविधियों में प्रतिभाग करने से बच्चों में, विद्यालय में तथा समाज में क्या बदलाव आये इसका भी विवरण तैयार किया जाये । मीना मंच के सुगमकर्ता की प्रत्येक त्रैमास बीआरसी स्तर पर बैठक कर कार्यक्रम की गहन समीक्षा की जाये। बैठक में मीना मंच द्वारा किए गये कार्य की समीक्षा तथा आगामी तीन माह की योजना तैयार की जाये।
2 - प्राथमिक विद्यालयों में बाल संसद -
प्राथमिक विद्यालयों में बाल संसद गठित कर सक्रिय किया जाये तथा विद्यालय के विभिन्न कार्यो के संचालन में बच्चो की सहभागिता सुनिश्चित की जाये। बच्चों में उनकी जिम्मेदारियों को पूर्ण करने हेतु समय समय पर उनके कार्यों का अवलोकन, विश्लेषण तथा सहयोग करें। विश्लेषण के आधार पर जिम्मेदारियों को बांटते समय बच्चों का बदल-बदल कर चयन करें। इसमें बच्चों को निम्नलिखित गतिविधियों से जोड़ा जा सकता है -
(1) प्रार्थना, योग एवं व्यायाम
(2) विद्यालय प्रांगण की स्वच्छता,
(3) पेयजल व्यवस्था, एवं शौचालयों / मूत्रालयों का प्रयोग
(4) कक्षा की क्रियाएँ एवं अनुशासन,
(5) मध्यान्ह भोजन वितरण - व्यवस्था,
(6) मीना की कहानियों एवं पुस्तकालय की किताबों का वितरण एवं पाठन
(7) सायंकालीन सभा,
(8) खेल एवं शिक्षण कार्यों, आदि में बच्चों को बच्चों के द्वारा जिम्मेदारियां सौपना। बाल संसद के आयोजन के सम्बन्ध में विस्तृत विवरण पत्र के साथ संलग्न है।
3. अनुश्रवण व्यवस्था-
1. कार्यक्रम के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी जनपद स्तर पर जिला समन्वयक बालिका शिक्षा की, ब्लॉक स्तर पर खंड शिक्षा अधिकारी, केजीबीवी स्तर पर के०जी०बी०वी० की वार्डेन व विद्यालय स्तर पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक / प्रधानाध्यापिका एवं सुगमकर्ता की होगी।
2. जनपद स्तर पर एवं ब्लॉक स्तर पर नियमित बैठक कर कार्यक्रम की समीक्षा की जाये। कार्यक्रम के प्रभावी अनुश्रवण के लिये ब्लॉक व जनपद स्तर पर वाट्स एप ग्रुप बनाये जाये। मीडिया के सहयोग से भी कार्यक्रम का प्रचार प्रसार किया जाये।
3. जिला समन्वयक बालिका शिक्षा द्वारा प्रत्येक माह विद्यालय भ्रमण के दौरान मीना मंच एवं बाल संसद के बच्चों की बैठक कर समीक्षा की जाये।
4. वर्ष के अंत में मीना मंच एवं बाल संसद का अभिलेखीकरण किया जाये, जिसमें बालिकाओं के नामांकन एवं ठहराव में वृद्धि परिलक्षित हो।
वित्तीय वर्ष 2023-24 में उच्च प्राथमिक विद्यालयों में मीना मंच तथा प्राथमिक विद्यालयों में बाल संसद के गठन एवं बालिकाओं की शिक्षा एवं सशक्तिकरण से संबंधित कार्ययोजना के क्रियान्वयन से संबंधित आदेश देखने के लिए PDF FILE डाउनलोड करें। 👆