الخميس، 17 أغسطس 2023

Mid Day Meal : मध्याह्न भोजन योजना के बारे में जाने सब कुछ एक ही पोस्ट में।

Mid Day Meal : मध्याह्न भोजन योजना के बारे में जाने सब कुछ एक ही पोस्ट में।

मध्याह्न भोजन योजना (Mid Day Meal) भारत सरकार की एक बेहद ही महत्वपूर्ण और संवेदनशील योजना है, इस योजना के तहत देश भर के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को स्कूलों में दोपहर का भोजन निःशुल्क मुहैया कराया जाता है। इस योजना की शुरुआत 15 अगस्त 1995 को एक केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में शुरू किया गया था, जिसका मुख्य उद्देश्य स्कूलों में नामांकन, प्रतिधारण और उपस्थिति बढ़ाने के साथ-साथ बच्चों की पोषण स्थिति में सुधार करना था। 

ग्रामीण परिवेश से संबंध रखने के कारण इन स्कूलों में पढ़ने वाले अधिकांश बच्चे खाली पेट स्कूल पहुंचते हैं, जो बच्चे स्कूल आने से पहले खाना खाते हैं, उन्हें भी दोपहर तक भूख लगती है और वे अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते हैं। मध्याह्न भोजन बच्चों के स्वास्थ्य के लिए पूरक पोषण के रूप में भी कार्य करता है। यह समतावादी मूल्यों को फैलाने में भी मदद कर सकता है, क्योंकि विभिन्न सामाजिक पृष्ठभूमि के बच्चे कक्षा में एक साथ बैठते हैं और एक साथ खाना खाते हैं। 

मिड डे मील योजना विशेष रूप से स्कूल में बच्चों के बीच जाति और वर्ग की बाधाओं को दूर करने में सहायक हो सकता है। यह योजना स्कूल भागीदारी में लिंग अंतर को भी कम करने में सहायक है, क्योंकि यह उन बाधाओं को खत्म करने में मदद करता है जो लड़कियों को स्कूल जाने से रोकती हैं। मिड डे मील योजना छात्रों के संज्ञानात्मक, भावनात्मक और सामाजिक विकास करने में मदद करती है। यह योजना महिलाओं को रोजगार के उपयोगी साधन भी उपलब्ध कराती है।

मिड डे मील योजना के प्रमुख उद्देश -:

मिड डे मील योजना का प्रमुख उद्देश्य भारत में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की दो मुख्य समस्याओं, भूख और शिक्षा का समाधान करना है।

(1) सरकारी स्थानीय निकायों और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों और शिक्षा गारंटी योजनाओं और सर्व शिक्षा अभियान के तहत सहायता प्राप्त शिक्षा संस्थानों, मदरसों और मकतबों में कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों की पोषण स्थिति में सुधार करना।

(2) वंचित वर्गों के गरीब बच्चों को नियमित रूप से स्कूल जाने और कक्षा की गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करना।

(3) गर्मी की छुट्टियों के दौरान अकाल प्रभावित क्षेत्रों में प्राथमिक स्तर पर बच्चों को पोषण संबंधी सहायता प्रदान करना।

देश भर के राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में मिड डे मील योजना के तहत 25 लाख से अधिक रसोइयों को काम दिया गया। शुरुआत में इन्हे 500 रूपये का मानदेय मासिक दिया जा रहा था जिसे 01 दिसंबर 2009 से संशोधित कर 1000 रुपये प्रति माह कर दिया गया। वर्तमान में उत्तर प्रदेश में 2000 रुपये प्रति माह मानदेय के साथ वर्ष में कम से कम दस महीने का काम दिया जाता है।

विद्यालय में भोजन उपलब्ध कराने और बच्चों को उचित पोषण देने की यह मिड डे मील योजना (MDM) एक बेहद उपयोगी और अच्छी योजना है। इस योजना के अंतर्गत प्रतिदिन 12 लाख से अधिक सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के 10 करोड़ से अधिक बच्चे लाभान्वित होते हैं। 

मिड डे मील योजना के अंतर्गत वर्तमान में विद्यालयों मे पौष्टिक और स्वादिष्ट भोजन की व्यवस्था विद्यालय प्रबंध समितियों के द्वारा की जाती है। इस योजना के अंतर्गत सप्ताह मे 4 दिन चावल से बने भोज्य पदार्थ एवं सप्ताह मे 2 दिन गेंहू से बने भोज्य पदार्थ बच्चो को उपलब्ध कराये जाते हैं।

अभी हाल ही में पीएम पोषण (PM POSHAN) पूर्व नाम मध्याह्न भोजन (MID DAY MEAL) के मेनू में बदलाव करके इसे बच्चों के लिए और अधिक पौष्टिक एवं स्वादिष्ट बनाया गया।

भोजन की निर्धारित मात्रा प्रतिदिन/बच्चा

क्रम. स.तत्वकक्षा (1-5)कक्षा 6-8)
1.अनाज100gm150gm
2.दाल20gm30gm
3.सब्जियाँ (हरी पत्तेदार आदि )50gm75gm
4.तेल व बसा की मात्रा5gm7.5gm
4.दूध150 ml200ml
5.प्राथमिक विधालय के छात्रों हेतु उपलब्ध कराये जा रहे भोजन मे450gm कैलोरी12gm प्रोटीन
6.उच्च प्राथमिक विधालय के छात्रों हेतु उपलब्ध कराये जा रहे भोजन मे700gm कैलोरी20gm प्रोटीन

एमडीएम परिवर्तन लागत की दरें

परिवर्तन लागत की दरें  (प्राथमिक विधालय)
नवंवर 2010 से मार्च 20112.69 रुपये
अप्रैल 2011 से मई 20122.89 रुपये
जुलाई 2012 से मई 20133.11 रुपये
जुलाई 2013 से मई 20143.34 रुपये
जुलाई 2014 से जून 20153.59 रुपये
जुलाई 2015 से 3 जनवरी 20163.76 रुपये
4 जनवरी 2016 से जून 2016 तक3.86 रुपये
जुलाई 2016 से 14 नवम्बर 2018 तक4.13 रुपये
15 नवंबर 2018 से जून 2019 तक4.35 रुपये
जुलाई 2019 से मार्च 2020 तक  4.48 रुपये
अप्रैल 2020 से अब तक4.97 रुपये
वर्तमान 5.45 रूपये 
परिवर्तन लागत की दरें  (उच्च प्राथमिक विधालय)
नवंवर 2010 से मार्च 20114.04 रुपये
अप्रैल 2011 से मई 20124.33 रुपये
जुलाई 2012 से मई 20134.65 रुपये
जुलाई 2013 से मई 20145.00 रुपये
जुलाई 2014 से जून 20155.38 रुपये
जुलाई 2015 से 3 जनवरी 20165.64 रुपये
4 जनवरी 2016 से जून 2016 तक5.78 रुपये
जुलाई 2016 से 14 नवम्बर 2018 तक6.18 रुपये
15 नवंबर 2018 से जून 2019 तक6.51 रुपये
जुलाई 2019 से मार्च 2020 तक  6.71 रुपये
अप्रैल 2020 से अब तक7.45 रुपये
वर्तमान8.17 रुपये

एमडीएम योजना के अन्तर्गत मीनू के अनुसार प्रत्येक बुधवार को प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक के बच्चों को उपरोक्त सूची के अनुसार दूध उपलब्ध कराया जाता है। वहीं प्रत्येक सोमवार को ताजे एवं मौसमी फल उपलब्ध कराया जाता है।

विद्यालयों में गठित विद्यालय प्रबंध समितियों द्वारा एमडीएम योजना की गुणवत्ता की निगरानी करना, छात्रों को भोजन करने से पहले और बाद में हाथ धोने, भोजन को स्वच्छ बनाने और सुरक्षित वातावरण के लिए प्रेरित करने का कार्य लगातार किया जाना चाहिए।

MDM के प्रति समितियों की जिम्मेदारी -:

  • जहां तक संभव हो रसोईघर में अग्निशमन यंत्र एवं आग बुझाने वाले यंत्र की उपलब्धता सुनिश्चित करनी चाहिए।
  • रसोई में नियमित साफ-सफाई सुनिश्चित करनी चाहिए, ताकि कीट-पतंगे आदि रसोई से दूर रहें। 
  • कम्पोस्ट सामग्री को पकाने से पहले उसे साफ पानी से अच्छी तरह धो लेना चाहिए।
  • भोजन बनाने की प्रक्रिया में बच्चों को कभी भी शामिल नहीं किया जाना चाहिए, न ही किसी बच्चे के साथ भेदभाव किया जाना चाहिए।
  • भोजन बनाने और परोसने वाले कर्मियों की अनुपस्थिति में भी बच्चों को भोजन मिलना ।

MDM का साप्ताहिक आहार तालिका


MDM का नवीन आहार तालिका/मीनू




Mid Day Meal : मध्याह्न भोजन योजना के बारे में जाने सब कुछ एक ही पोस्ट में। Rating: 4.5 Diposkan Oleh: Apne Sir Ji