Thursday 10 August 2023

नीदरलैंड का अर्ली वार्निंग सिस्टम, सभी परिषदीय स्कूलों में लागू किया जाएगा। ड्रॉपआउट बच्चों के चिन्हीकरण में होगी आसानी।

नीदरलैंड का अर्ली वार्निंग सिस्टम, सभी परिषदीय स्कूलों में  लागू किया जाएगा। ड्रॉपआउट बच्चों के चिन्हीकरण में होगी आसानी।

नीदरलैंड की तर्ज पर प्रदेश में परिषदीय स्कूल छोड़ने वाले बच्चों (ड्रॉपआउट) की पहचान करने की प्रक्रिया पर अमल शुरू हो गया है। प्रदेश के देवीपाटन मंडल के सभी परिषदीय स्कूलों में नीदरलैंड का अर्ली वार्निंग सिस्टम (अग्रिम चेतावनी प्रणाली) जल्द ही लागू किया जाएगा। इसमें अभिभावकों से संपर्क कर और सामुदायिक भागीदारी बढ़ाकर बच्चों को स्कूल तक लाने और विद्यालय में उनके ठहराव का प्रयास किया जाएगा।

मार्च माह के आखिरी सप्ताह में बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह के नेतृत्व में एससीईआरटी अधिकारियों और शिक्षकों का एक प्रतिनिधिमंडल नीदरलैंड गया था। वहां से अग्रिम चेतावनी प्रणाली की जानकारी मिलने के बाद इसे प्रदेश में लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके तहत स्कूल न आने और पढ़ाई छोड़ने वालों के बारे में तुरंत जानकारी मिलेगी और उन्हें स्कूल लाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

इस व्यवस्था की शुरुआत देवीपाटन मंडल के गोंडा, बहराईच, बलरामपुर और श्रावस्ती जिलों से की जा रही है। इसमें हर माह विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक, मातृ समूह की बैठक, ग्राम सभा की बैठक और शिक्षकों का गांव दौरा नियमित किया जायेगा. वहीं, बेसिक शिक्षा विभाग यूनिसेफ की मदद से स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की पहचान कर उनका वर्गीकरण कर विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ेगा।

बेसिक शिक्षा विभाग इसे प्रभावी बनाने के लिए देवीपाटन मंडल के चार जिलों के ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों, मास्टर ट्रेनर्स और शिक्षकों को प्रशिक्षण दे रहा है। इसके लिए राज्य स्तर पर मास्टर ट्रेनर्स की ओर से ब्लॉक के सभी एआरपी को दो दिन का प्रशिक्षण जिला मुख्यालय पर दिया जाएगा। यह एआरपी ब्लॉक स्तर पर प्रधानाध्यापक व प्रभारी प्रधानाध्यापकों को प्रशिक्षण देंगे।

शहरी क्षेत्र में नगर निगम भी होगा शामिल

ग्रामीण क्षेत्र में इस व्यवस्था को प्रभावी बनाने में ग्राम सभा और शहरी क्षेत्र में नगर निगम का सहयोग लिया जाएगा। पार्षदों की सहयोग से अभिभावकों को ड्रॉपआउट बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित किया जाएगा।

स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति में कमी और स्कूल छोड़ने वाले बच्चों को सामुदायिक सहभागिता से रोकने व कम करने के लिए यह व्यवस्था शुरू की जा रही है। इसे देवीपाटन मंडल में शुरू किया जा रहा है। बाद में पूरे प्रदेश में लागू करेंगे। 

-विजय किरन आनंद, महानिदेशक, स्कूल शिक्षा

नीदरलैंड का अर्ली वार्निंग सिस्टम, सभी परिषदीय स्कूलों में लागू किया जाएगा। ड्रॉपआउट बच्चों के चिन्हीकरण में होगी आसानी। Rating: 4.5 Diposkan Oleh: Apne Sir Ji