Thursday 24 August 2023

बीएड डिग्री धारकों को सीटेट परीक्षा से बाहर करने को लेकर दायर हुई हाईकोर्ट में याचिका, मामले की सुनवाई 6 सितंबर को।

बीएड डिग्री धारकों को सीटेट परीक्षा से बाहर करने को लेकर दायर हुई हाईकोर्ट में याचिका, मामले की सुनवाई 6 सितंबर को। 

प्रयागराज, प्राथमिक विद्यालयों में बीएड डिग्री धारकों की नियुक्ति को लेकर जारी विवाद रुकने का नाम ही नही ले रहा है, अभी हाल ही में अगस्त माह में सर्वोच्च न्यायालय ने अपने दिए फैसले में बीएड डिग्रीधारकों को प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक बनने के लिए अयोग्य करार दिया है। इस संबंध में 20 अगस्त को हुई केंद्रीय पात्रता परीक्षा से बीएड डिग्री धारकों को बाहर करने को लेकर एक याचिका उच्च न्यायालय में दाखिल की गई है। याचिका शकील खान द्वारा दायर की गई है।

याचिकाकर्ता की अधिवक्ता तान्या पांडे ने दलील दी है कि बीएड डिग्री धारकों के प्राथमिक कक्षाओं में अध्यापन पर रोक लगाए जाने के बाद, उन्हें एनसीटीई द्वारा आयोजित होने वाली पात्रता परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए थी। जो बीएड डिग्री धारक 20 अगस्त को हुई सीटेट में शामिल हुए है, उनके परिणाम को रोक कर इस पूरी प्रक्रिया से बाहर किए जाने की वकालत की है। उन्होनें केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा में शामिल होने की योग्यता में बदलाव करने की मांग भी की 

एनसीटीई की ओर से पेश वकील एच एन पांडे ने याची की पोषणीयता पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि याची व् पीड़ित पक्षकार नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि एक बार चयन प्रक्रिया शुरू होने के बाद अगर यह पाया जाता है कि अभ्यर्थी के पास आपेक्षित योग्यता नहीं है तो उसका चयन नहीं किया जायेगा। लेकिन इस स्तर पर पात्रता परीक्षा और उसके परिणाम से वंचित किया जाना उचित नहीं है। लंबित याचिका, राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा वर्ष 2021 में दिए गए निर्णय का का हवाला देते हुए याचिका को निस्तारित करने की मांग की। 

बीएड डिग्री धारकों को सीटेट परीक्षा से बाहर करने को लेकर दायर हुई हाईकोर्ट में याचिका, मामले की सुनवाई 6 सितंबर को। Rating: 4.5 Diposkan Oleh: Apne Sir Ji