الثلاثاء، 15 أغسطس 2023

परिषदीय शिक्षकों की हर तरफ हो रही चर्चा, शिक्षकों ने पेश की मानवता की मिशाल।

परिषदीय शिक्षकों की हर तरफ हो रही चर्चा, शिक्षकों ने पेश की मानवता की मिशाल।

भूपेंद्र कुमार यादव (अध्यक्ष UPPSS) एवं अन्य शिक्षक

अपनी ख़ुशी के लिए इस दुनिया में तो हर कोई जीता है, लेकिन जो दूसरों की समस्याओं को अपनी समस्या समझता है और उनकी समस्याओं को हल करने में भाग लेता है, उनके सुख दुःख में साथ देता है, वही मानवता है, असली पुण्य दूसरों को ख़ुशी देकर कमाया जाता है, जिसका कोई मूल्य नहीं है।

हमने मनुष्य रूप में जन्म लिया है तो हमारा कर्म भी यही होना चाहिए कि हम दूसरों के काम आ सकें। भगवान ने हमें जो वरदान दिया है, उसे उन लोगों में बांटना चाहिए, जिन्हें उस समय इसकी सबसे ज्यादा जरूरत होती है, जब उनका साथ देने वाला कोई नहीं होता। 

इन्हीं बातों को भदोही जिले में स्थित अभोली ब्लॉक के परिषदीय शिक्षकों ने साकार कर एक बार फिर से साबित कर दिया है कि मानवता अभी भी जिंदा है। अभोली ब्लॉक के शिक्षक परिवार ने मानवता की मिशाल पेश करते हुए आज 77 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर, पीड़ित परिवार में अनाथ हुए बच्चों को 51000 रुपए की आर्थिक मदद प्रदान की। इस अवसर पर सभी शिक्षक परिवार की ओर से भूपेंद्र कुमार यादव, बालादेवी मौर्या, शावेंद्र सिंह पटेल, ज्वाला प्रसाद यादव, भैरवानंद यादव, सत्य प्रकाश शर्मा, राजीव कुमार, राधिका पाण्डेय, रीतू देवी सहित अन्य शिक्षक, छात्र छात्राएं तथा अभिभावक एवं ग्रामवासी उपस्थित रहे।

अभोली ब्लॉक के सम्मानित शिक्षकों ने जिस तरह से आगे आकर पीड़ित परिवार और अनाथ बच्चों को आर्थिक मदद पहुंचाई है उसके लिए "अपने सर जी डॉट इन" www.apnesirji.in आप सभी शिक्षकों को बारंबार नमन करता है। 

आपको बता दें कि भदोही जिले के अभोली ब्लॉक स्थित कंपोजिट विद्यालय गौरा में लगभग एक दशक तक रसोइया के रूप में काम करने वाली रसोइया मुन्नी देवी (उम्र 38 वर्ष) की 31 जुलाई को घर पर करंट लगने से असामयिक मृत्यु हो गई। इस घटना ने सभी को चौंका दिया। मृतका के पति की एक साल पहले ही हार्ट अटैक से मौत हो चुकी है। मृतक के तीन नाबालिग बच्चे भी हैं जिनका अब इस दुनिया में कोई सहारा नहीं है। मृतक की आर्थिक स्थिति अत्यंत दयनीय होने के कारण बच्चों के समक्ष भरण-पोषण की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गयी है।

उक्त घटना के घटित हुए आज पंद्रह दिन बीत गए हैं लेकिन अभी तक पीड़ित परिवार और अनाथ हुए बच्चों की मदद न तो शासन और प्रशासन की तरफ से हुई और न ही भदोही जनपद के जनप्रतिनिधियों की ओर से कोई मदद मिली है।

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