अब गुरुजी भी स्कूलों में सुनाएंगे मनभावन कहानियां, राज्य सरकार बेहतरीन कहानियां सुनाने वाले शिक्षकों को पुरस्कृत भी करेगी।
सबसे पहले जिला स्तर पर एक प्रतियोगिता आयोजित कर सबसे अच्छी कहानियाँ सुनाने वाले शिक्षकों का चयन किया जाएगा और इन चयनित शिक्षकों के बीच फिर से एक प्रतियोगिता आयोजित करके राज्य स्तर पर सबसे अच्छी कहानियाँ सुनाने वाले विभिन्न श्रेणियों के शिक्षकों का चयन किया जाएगा। यह आदेश बुधवार को राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशक डॉ. पवन कुमार ने जारी किया है।
कहानियों के मानक
● कहानी देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत पर आधारित होनी चाहिए।
● कहानी की भाषा सरल एवं शालीन होनी चाहिए ताकि बच्चे समझ सकें।
● कहानी कहने का तरीका रोचक और प्रभावी होना चाहिए, ताकि बच्चे कहानी को समझ सकें और उससे प्रेरणा ले सकें।
प्रतियोगिता हेतु दिशानिर्देश
● इसका आयोजन जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में किया जायेगा।
● प्रस्तुत की गई कहानियों की स्क्रीनिंग विशेषज्ञों के एक पैनल के माध्यम से की जाएगी।
● जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान एवं परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक पैनल में शामिल नहीं होंगे।
राज्य स्तरीय प्रतियोगिता हेतु दिशा निर्देश
● कहानी सुनाने के लिए निर्धारित समय सीमा यानी 3 मिनट से 5 मिनट के भीतर कहानी पूरी करनी होगी।
● कहानी का मूल्यांकन राज्य स्तर पर बाहरी विशेषज्ञों द्वारा किया जाएगा।
● राज्य स्तर पर चयनित सर्वोत्तम शिक्षकों को पुरस्कृत किया जायेगा।