السبت، 11 فبراير 2023

क्या इस बार होने वाले प्रमोशन में टेट (TET) की अनिवार्यता रहेगी आइए जानें इस पोस्ट में।

क्या इस बार होने वाले प्रमोशन में टेट (TET) की अनिवार्यता रहेगी ? आइए जानें इस पोस्ट में।


  • दिनांक 15 मई 2018 को दीपक शर्मा एवं अन्य द्वारा आयोजित रिट संख्या 11287/2018 पर पदोन्नति में टीईटी अनिवार्य करने के उद्देश्य से माननीय न्यायालय ने 15 मई 2018 को पदोन्नति, टीईटी में एनसीटीई के नियमों के अनुपालन के संबंध में एक आदेश पारित किया। पदोन्नति में भी अनिवार्य माना जाए। ,
  • एनसीटीई मैनुअल जिस पर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा चर्चा की गई थी, 12 नवंबर 2014 को जारी किया गया था।
  • दीपक शर्मा एवं अन्य के मामले में माननीय उच्च न्यायालय के दिनांक 15 मई 2018 के निर्णय के अनुपालन में सचिव, बेसिक शिक्षा परिषद ने दिनांक 17 मई 2018 को राज्य में चल रही पदोन्नति की कार्यवाही को अगले आदेश तक स्थगित कर दिया.
  • परिषद द्वारा प्रोन्नति कार्यवाही स्थगित किये जाने के लगभग 2 माह बाद बिना टीईटी के प्रोन्नति के लिये सूबेदार यादव एवं अन्य द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में याचिका संख्या 16523/2018 दायर की गयी थी। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए दीपक शर्मा व अन्य के मामले में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए 15 मई 2018 के आदेश को स्वीकार करते हुए प्रोन्नति में टीईटी को अनिवार्य मानते हुए इस याचिका को खारिज कर दिया. 15 मई 2018 के आदेश को बरकरार रखते हुए पदोन्नति में टीईटी को अनिवार्य मानते हुए याचिका खारिज कर दी।
  • (नोट:- इस याचिका के आदेश को सोशल मीडिया में बिना टेस्ट पास किए प्रमोशन लिखकर प्रचारित किया जा रहा है, जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है।)
  • जब माननीय न्यायालय द्वारा सूबेदार यादव एवं अन्य की याचिका संख्या 16523/2018 को खारिज कर दिया गया तो उनके द्वारा डबल बेंच में विशेष अपील संख्या 737/2018 दायर की गई। इस अपील पर सुनवाई करते हुए डबल बेंच ने भी अपने आदेश दिनांक 04/09/2018 द्वारा प्रोन्नति में टीईटी की अनिवार्यता पर मुहर लगाते हुए विशेष अपील को खारिज कर दिया।
  • प्रमोशन में टीईटी की अनिवार्यता के मामले में नया मोड़
  • भीष्मपाल सिंह एवं अन्य की अपील संख्या 645/2018 पर सुनवाई करते हुए माननीय उच्च न्यायालय ने दिनांक 18 सितम्बर 2018 के अपने आदेश द्वारा दीपक शर्मा मामले में एकल न्यायाधीश के 15 मई 2018 के आदेश को निरस्त करते हुए पुन: सुनवाई का आदेश दिया।
  • पूर्व से नियोजित शिक्षकों पर प्रोन्नति में अनिवार्य टीईटी लागू नहीं करने का आदेश
  • भीष्मपाल सिंह मामले में दीपक शर्मा मामले की फिर से सुनवाई के कोर्ट के फैसले के बाद काफी समय तक कोई प्रगति नहीं हुई।
  • कुछ समय बाद सहायता प्राप्त शिक्षक ओम प्रकाश त्रिपाठी के पदोन्नति के मामले में इस बिन्दु पर पुन: आदेश हो गया। जिसमें 2010 से पहले से कार्यरत शिक्षकों पर प्रोन्नति में टीईटी की बाध्यता लागू नहीं करने का आदेश जारी किया था।
  • माननीय उच्च न्यायालय द्वारा टीईटी अनिवार्य नहीं करने के निर्णय के लगभग 4 वर्ष बीत जाने के बाद विभाग ने पुन: पदोन्नति के संबंध में आदेश जारी किया है।

      👇 निष्कर्ष👇

    वर्ष 2019 में पदोन्नति में टीईटी की अनिवार्यता संबंधी विवाद का समाधान होने के बाद सहायक शिक्षक प्राथमिक विद्यालय की पदोन्नति में कोई कानूनी बाधा नहीं आई थी। पदोन्नति वास्तव में समझ से परे है। पदोन्नति की यह प्रक्रिया 4 साल पहले पूरी हो जानी चाहिए थी। इस नुकसान के लिए न केवल सरकार बल्कि स्थापित शिक्षक संगठन भी समान रूप से जिम्मेदार हैं, जो इतने वर्षों तक कानूनी रूप से स्थापित तथ्यों को प्रस्तुत कर सरकार से आदेश प्राप्त करने में सफल नहीं हो सके। उम्मीद है कि जल्द ही कार्रवाई की जाएगी और वर्षों से अपने अधिकारों से वंचित शिक्षकों को पदोन्नति दी जाएगी।

क्या इस बार होने वाले प्रमोशन में टेट (TET) की अनिवार्यता रहेगी आइए जानें इस पोस्ट में। Rating: 4.5 Diposkan Oleh: Apne Sir Ji