लखनऊ। राज्य में राज्य कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (डीए) में बढ़ोतरी पर हर महीने 200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च आएगा। जीपीएफ में एरियर भेजने पर फैसला होना बाकी है, इसलिए अप्रैल में डीए बढ़ोतरी की घोषणा की जानी तय है। इससे यूपी के करीब 19 लाख कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को फायदा होगा।
दरअसल, केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते और पेंशनभोगियों के महंगाई राहत (DR) को साल में दो बार महंगाई सूचकांक के आधार पर बढ़ाती है। पहली बार यह बढ़ोतरी 1 जनवरी से और दूसरी बार 1 जुलाई से लागू होती है। दरअसल, केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते और पेंशनभोगियों के महंगाई राहत (DR) को साल में दो बार महंगाई सूचकांक के आधार पर बढ़ाती है। एक बार यह बढ़ोतरी एक जनवरी से और दूसरी बार एक जुलाई से लागू है। आम तौर पर राज्य सरकार भी केंद्र के बराबर डीए और डीआर में बढ़ोतरी करती है। केंद्र सरकार ने 24 मार्च को DA और DR में 4 फीसदी बढ़ोतरी का ऐलान किया था।
यूपी में भी सरकार ने उसी हिसाब से गणना किया है। उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक यहां भी बेसिक पे पर डीए और डीआर 38 फीसदी से बढ़ाकर 42 फीसदी किया जाएगा। इससे सरकार को अपने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को हर महीने 200 करोड़ रुपये अतिरिक्त देने होंगे।
यह बढ़ोतरी एक जनवरी से लागू होगी। अभी तक पुरानी पेंशन का लाभ लेने वाले राज्य कर्मचारियों के जीपीएफ खाते में डीए का एरियर भेजा जाता था, जबकि नई पेंशन योजना का लाभ लेने वाले कर्मचारियों को उस मूल्य का एनएससी खरीदना होता है। नए प्रावधानों के तहत एक साल में पांच लाख रुपए से ज्यादा जीपीएफ में जमा नहीं किया जा सकता है।
आईएएस अधिकारियों के मामले में जहां आदेश जारी हो चुका है, वहीं अन्य राज्य कर्मचारियों के मामले में यह प्रक्रियाधीन है। ऐसे में यह निर्णय लिया जाना है कि पुरानी पेंशन लेने वाले कर्मियों को डीए के बकाये के भुगतान के संबंध में क्या प्रक्रिया अपनाई जाए।