الأحد، 2 أبريل 2023

प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों की पदोन्नति के लिए अब नए सिरे से नीति बनाने पर हो सकता है मंथन।

प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों की पदोन्नति के लिए अब नए सिरे से नीति बनाने पर हो सकता है मंथन।


नई नीति तहत अब तीन वर्ष के भीतर ही प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों को प्रोन्नति देने का प्रस्ताव पर विचार हो रहा है, इसके साथ ही प्रमोशन के बाद उन्हें प्राइमरी में ही प्रधानाध्यापक भी बनाया जाएगा। अभी तक जिन्हें सहायक शिक्षक से शिक्षक के पद पर पदोन्नत किया जाता रहा है, उन्हें उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सहायक शिक्षक के पद पर भेजा जाता था। अभी तक प्रमोशन भी पांच साल के अंतराल पर ही होता है।

प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों के 2.5 लाख से अधिक रिक्त पदों को भरने के लिए सरकार नए फॉर्मूले पर विचार कर रही है। इससे बेसिक स्कूलों में शिक्षकों के साथ ही प्रधानाध्यापक के रिक्त पदों को आसानी से भरा जा सकेगा। इसके साथ ही शिक्षकों का एक बड़ा वर्ग भी तीन साल की सेवा के बाद ही पदोन्नति मिलने से संतुष्ट और खुश होगा। शिक्षा विभाग के सूत्रों की मानें तो एक दशक से अधिक समय से चल रही शिक्षक भर्ती की कवायद पूरी नहीं होने से शिक्षकों में खासा आक्रोश है। इससे बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद रिक्त पड़े हैं, जिसका परिणाम यह है कि उन पर अध्यापन कार्य के साथ-साथ तमाम तरह के सरकारी कार्यों का दबाव बढ़ता जा रहा है।

रिक्त पदों की संख्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है और कार्यरत शिक्षकों पर काम का बोझ बढ़ रहा है। ऐसे में नया रास्ता निकालने की कोशिश की जा रही है ताकि शिक्षकों का गुस्सा कम किया जा सके। इस संबंध में तैयार की जा रही नई नीति में तीन साल बाद ही उन्हें बेसिक स्कूलों में पदोन्नति देकर उसी स्कूल में प्रधानाध्यापक बनाया जाएगा। सूत्र की माने तों जल्द ही इस तरह का प्रस्ताव शासन को भेजा जा सकता है।

प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों की पदोन्नति के लिए अब नए सिरे से नीति बनाने पर हो सकता है मंथन। Rating: 4.5 Diposkan Oleh: Apne Sir Ji