बेसिक शिक्षा विभाग में सुधार की कवायद एक कदम आगे बढ़ती है तो, व्यवस्था को पटरी पर लाने वाले दो कदम आगे निकल जाते हैं।
ताजा मामला जिलों में विभिन्न मामलों की जांच करने जा रहे अधिकारियों का है। जब वे किसी मामले की जांच के लिए या कोर्ट में पैरवी के लिए जिलों में जा रहे होते हैं तो वहाँ के कुछ अधिकारी और शिक्षक उनकी आवभगत करने से पीछे नही हटते हैं।
हाल के महीनों में बेसिक शिक्षा विभाग ने स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति, खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) के खिलाफ प्राप्त शिकायतों और अन्य व्यवस्थाओं की जांच के लिए जिलों में टीमें भेजी थीं। समग्र शिक्षा के तहत जिला एवं विकासखंड स्तर पर चल रहे विभिन्न कार्यक्रमों का स्थलीय निरीक्षण के लिए भी टीमों का गठन किया गया। इसी तरह कई बार अधिकारी पैरवी के लिए कोर्ट भी जाते हैं।
बेसिक शिक्षा निदेशालय को शिकायत मिली है कि ये अधिकारी जिलों में अपना पूरा सत्कार करवा रहे हैं। उनके आने-जाने, खाने-पीने और ठहरने की व्यवस्था जिले के अधिकारी और शिक्षक कर रहे हैं। इसको लेकर निदेशालय ने नाराजगी जताते हुए सख्ती शुरू कर दी है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद ने शिकायतों का संज्ञान लेते हुए इसे निर्धारित प्रोटोकॉल का उल्लंघन बताते हुए कार्रवाई की चेतावनी दी है। उन्होंने निर्देश दिये कि किसी भी जिले या विकासखण्ड में भ्रमण, निरीक्षण, कोर्ट केस एवं शासकीय कार्य हेतु जाने वाले अधिकारी होटल में ठहरने, भोजन, यात्रा एवं वाहन की व्यवस्था स्वयं करें। इसके बिल की प्रतिपूर्ति वाउचर विभाग में देकर कराएं। जिला स्तर से किसी भी अधिकारी से किसी प्रकार का भुगतान नहीं कराएँगे अन्यथा संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी तय करते हुए कार्रवाई की जायेगी।