Wednesday 10 May 2023

ग्रेच्युटी न देने वाले सभी बीएसए की जांच कर कार्रवाई का महानिदेशक को हाईकोर्ट का निर्देश।

ग्रेच्युटी न देने वाले सभी बीएसए की जांच कर कार्रवाई का महानिदेशक को हाईकोर्ट का निर्देश।

• कोर्ट ने कहा, अक्षम और अयोग्य बीएसए हटाकर योग्य अधिकारी की हो तैनाती।

• देवरिया के बीएसए हरिश्चंद्र नाथ के विरुद्ध अवमानना आरोप निर्मित।

प्रयागराजः इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि प्रदेश के बेसिक शिक्षा अधिकारियों द्वारा हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के आदेश की लगातार अवहेलना होने के कारण ही प्रतिदिन बड़ी संख्या में सेवानिवृत्त अध्यापक कोर्ट अवमानना केस दाखिल कर रहे हैं। इनके आचरण से लगता है कि वे कोर्ट के आदेश का सम्मान जानबूझकर नहीं कर रहे हैं। 

कोर्ट ने महानिदेशक (बेसिक शिक्षा) विजय किरण आनंद को निर्देश दिया है। कि वह कोर्ट आदेश की अवहेलना करने वाले सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों की जांच कर कार्रवाई करें। यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने सुनीता सिंह की अवमानना याचिका पर दिया है।

कोर्ट ने कहा, बीएसए अयोग्य हैं या आदेश की समझ नहीं है या अन्य कारण जो वही जानते हैं, आदेश का पालन नहीं कर रहे। सुप्रीम कोर्ट से तय होने के बावजूद ग्रेच्युटी का मय ब्याज भुगतान नहीं कर रहे हैं। कोर्ट ने ऐसे अयोग्य, अक्षम बेसिक शिक्षा अधिकारियों को हटाकर योग्य व ईमानदार अफसरों की तैनाती करने का निर्देश दिया है, ताकि सरकार की छवि को धब्बा न लगे। 

कोर्ट ने बीएसए देवरिया हरिश्चंद्र नाथ के विरुद्ध अवमानना आरोप निर्मित किया है और दो हफ्ते में कारण बताने को कहा है कि क्यों न उन्हें आदेश की जानबूझकर अवहेलना के आरोप में दंडित किया जाए। कोर्ट ने बीएसए को अगली सुनवाई के समय 25 मई को हाजिर रहने का भी निर्देश दिया है। 

कोर्ट के निर्देश पर बीएसए व वित्त एवं लेखाधिकारी देवरिया हाजिर हुए और हलफनामा दिया कि ग्रेच्युटी का भुगतान कर दिया गया है तथा ब्याज अनुमोदन के लिए शासन को पत्र भेजा गया है। 

हाई कोर्ट ने ऊषारानी केस में सुप्रीम कोर्ट द्वारा ग्रेच्युटी भुगतान को लेकर पारित आदेश के अनुसार याची को भी ब्याज सहित ग्रेच्युटी का भुगतान करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने कहा, ब्याज भुगतान के लिए शासन से अनुमोदन मांगने संबंधी पत्र बड़ी चालाकी से हाई कोर्ट में पेश होने के पहले भेज दिया गया।

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