الثلاثاء، 30 مايو 2023

बेसिक स्कूलों को निपुण बनाने के लिए अब स्कूलों की तीन रंगों के आधार पर ग्रेडिंग होगी।

बेसिक स्कूलों को निपुण बनाने के लिए अब स्कूलों की तीन रंगों के आधार पर ग्रेडिंग होगी।


बेसिक स्कूलों को निपुण बनाने के लिए अब स्कूलों की तीन रंगों के आधार पर ग्रेडिंग होगी।


  • बेसिक स्कूलों को निपुण बनाने के लिए अब स्कूलों की तीन रंगों के आधार पर ग्रेडिंग होगी।
  • ग्रेडिंग के अनुसार ही स्कूलों को रंगो के आधार पर लाल, पीले व हरे रंग में बांटा जाएगा।
  • साथ ही तय किया जाएगा कि संबंधित स्कूल के विद्यार्थी कितने निपुण हो चुके हैं।


वर्तमान मे प्राथमिक विद्यालयों मे कक्षा 1 से कक्षा 3 के विद्यार्थियों को निपुण लक्ष्य के तहत पढ़ाया जा रहा है। इन बच्चों को हिंदी और गणित विषयों में दिसंबर 2023 तक निपुण बनाने की कवायद जारी है। वहीं दूसरी ओर परिषद ने परिषदीय स्कूलों की निपुण ग्रेडिंग भी शुरू कर दी है। डीएलएड प्रशिक्षुओं को स्कूलों की निपुण लक्ष्य की प्रगति की जांच के लिए निर्देशित किया गया है। इसमें प्रगति के हिसाब से स्कूलों को तीन रंगों की श्रेणी में बांटा जाएगा। बच्चे के निपुण मानने के लिए मानक तय किए गए हैं। कक्षा के बच्चों की प्रगति जांचने के आधार पर स्कूलों को हरा, पीला और लाल की श्रेणी में बांटा जाएगा। दिसंबर 2023 तक 81 हजार विद्यालयों को पूरा करना है।


दिसंबर 2023 तक निपुण लक्ष्य पाने के लिए प्राथमिक विद्यालयों में प्रक्रिया काफी तेजी से चल रही है। इसके तहत अब प्रदेश के सभी प्राथमिक विद्यालयों की निपुण ग्रेडिंग प्रारम्भ की गई है। इसमें कक्षा 1 से 3 तक के विद्यार्थियों के साक्षर होने, अंक ज्ञान के आधार पर डीएलएड प्रशिक्षुओं के माध्यम से उनकी प्रगति परखी जा रही है। अब इसी जाँच के आधार पर ही स्कूलों को हरा, पीला और लाल की श्रेणी में बांटा गया है। बेसिक शिक्षा विभाग निपुण भारत मिशन के तहत विद्यालयों में भौतिक संसाधनों की उपलब्धता व आवश्यकता का भी सर्वे करा रहा है। विभाग की कवायद है कि दिसंबर 2023 तक 10 हजार प्राथमिक/कम्पोजिट विद्यालयों मे से 81 हजार विद्यालयों को यह लक्ष्य पूरा कर लें। जनवरी से मार्च तक कराए गए पर्यवेक्षण में 15 से 20% विद्यालयों को हरे, 50 से 60% को पीले और 20% को लाल श्रेणी में रखा गया है। यानि कि लगभग 20% विद्यालयों में 80% विद्यार्थी निपुण लक्ष्य को प्राप्त करने में सक्षम हैं। 60% विद्यालयों में 60% से अधिक विद्यार्थी निपुण लक्ष्य में मध्यम स्तर पर हैं, जबकि 20% अभी इसके लिए प्रयास कररहे हैं। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने बताया कि विद्यालयों का लक्ष्य आधारित मूल्यांकन किया जा रहा है। जिन विद्यालयों में अभी सुधार की गुंजाइश है, वहां भी बेहतर करने के लिए आवश्यककदम उठाए जा रहे हैं।

बेसिक स्कूलों को निपुण बनाने के लिए अब स्कूलों की तीन रंगों के आधार पर ग्रेडिंग होगी। Rating: 4.5 Diposkan Oleh: Apne Sir Ji