सरकारी कर्मचारियों की न्यूनतम पेंशन, अंतिम वेतन का 45 प्रतिशत करने पर हो रहा विचार।
देश के कई राज्यों द्वारा पुरानी पेंशन प्रणाली पुनः अपने जाने के बाद भारत सरकार एक बार फिर पेंशन स्कीम पर विचार कर रही है।
- कई राज्यों ने चुनी पुरानी पेंशन प्रणाली
- नई पेंशन प्रणाली की केंद्र सरकार कर रही समीक्षा
भारत सरकार वर्ष 2004 में एक महत्वपूर्ण राजकोषीय सुधार के बाद अपनाई गई वर्तमान पेंशन प्रणाली पर विचार करते हुए मौजूदा बाजार से जुड़ी पेंशन योजना में बदलाव करके अपने कर्मचारियों को उनके अंतिम आहरित वेतन का 40% -45% न्यूनतम पेंशन देने की समीक्षा, गठित समिति के माध्यम से शुरू कर चुकी है। यह कदम सरकार ने अप्रैल में एक समिति गठित करने के बाद उठाया है। यह कदम सरकार ने देश के कई राज्यों द्वारा पुरानी पेंशन प्रणाली अपनाने के बाद शुरू की है।
वर्तमान राष्ट्रीय पेंशन स्कीम के तहत सरकार कर्मचारियों को अपने मूल वेतन का 10% और सरकार की ओर से 14% योगदान दिया जा रहा है।
इन राज्यों ने अपनाया पुरानी पेंशन प्रणाली
हाल ही में राजस्थान, झारखंड, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश और पंजाब सहित राज्यों ने पुरानी पेंशन प्रणाली को वापस लेने का विकल्प चुना है। आने वाले समय में कुछ और राज्य सरकारें पुरानी पेंशन प्रणाली अपनाने पर विचार कर रही है।