الأحد، 30 يوليو 2023

शिक्षा विभाग आई फ्लू के संक्रमण से बच्चो को बचाने में पूरी तरह नाकाम, स्कूली बच्चे और अभिभावक इस बीमारी से सबसे ज्यादा ग्रस्त।

शिक्षा विभाग आई फ्लू के संक्रमण से बच्चो को बचाने में पूरी तरह नाकाम, स्कूली बच्चे और अभिभावक इस बीमारी से सबसे ज्यादा ग्रस्त।

ग्रामीण क्षेत्रों में आई फ्लू का संक्रमण लगातार बढ़ने के बाद भी शिक्षा विभाग लापरवाह बना हुआ है। जबकि सैकड़ों बच्चे इस संक्रामक बीमारी से पीड़ित हैं और इन बच्चों के अभिभावक स्कूल प्रबंधन और शिक्षा विभाग के लापरवाह रवैये से परेशान हैं। मालूम हो कि इन दिनों ग्रामीण इलाकों में आईफ्लू नामक संक्रामक बीमारी तेजी से फैल रही है।

इस बीमारी की चपेट में सबसे ज्यादा स्कूली बच्चे आ रहे हैं। शहर और ग्रामीण इलाकों में एक भी ऐसा स्कूल नहीं मिलेगा, जहां इस बीमारी ने छोटे बच्चों को अपनी चपेट में न लिया हो, फिर भी शिक्षा विभाग इस बीमारी की रोकथाम और बच्चों को इस संक्रमण से बचाने में पूरी तरह से लापरवाह बना हुआ हैं।

चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना ​​है कि यह बीमारी छुआछूत के कारण बहुत तेजी से फैलती है, इसकी चपेट में सबसे पहले प्राइमरी और जूनियर हाईस्कूल के बच्चे आते हैं और यहां से घरों में पहुंचकर यह बीमारी घर के अन्य सदस्यों को प्रभावित करती है। जिस तेजी से यह बीमारी कस्बे व क्षेत्र के स्कूलों में फैल रही है, उसे देखकर ऐसा लगता है कि यदि इसके बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए तत्काल प्रभाव से प्रभावी कदम नहीं उठाए गए तो यह एक गंभीर समस्या बन जाएगी।

वहीं, आईफ्लू जैसी संक्रामक बीमारी की रोकथाम के लिए किए जा रहे उपायों के बारे में जब शिक्षा विभाग के जिम्मेदार लोगों से बात की गई तो उनका कहना है कि जो बच्चे इस संक्रमण की चपेट में आए हैं, उन्हें घर पर ही रहने को कहा गया है. लेकिन आईफ्लू को देखते हुए अभिभावकों का कहना है कि संक्रामक बीमारी को देखते हुए कक्षा आठ तक के बच्चों को छुट्टी दे दी जाए ताकि तेजी से बढ़ते संक्रमण को रोका जा सके.

शिक्षा विभाग आई फ्लू के संक्रमण से बच्चो को बचाने में पूरी तरह नाकाम, स्कूली बच्चे और अभिभावक इस बीमारी से सबसे ज्यादा ग्रस्त। Rating: 4.5 Diposkan Oleh: Apne Sir Ji