वर्ष 2004 के बाद नियुक्त कर्मचारियों / अधिकारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ नहीं देगी योगी सरकार..
विधान सभा के प्रथम सत्र 2023 के प्रथम बुधवार के लिये निर्धारित श्री पंकज मलिक, मा० सदस्य, विधान सभा द्वारा पूछे गये अतारांकित प्रश्न संख्या-208 के जवाब का उत्तर देते हुए उत्तर प्रदेश सरकार में वित्तमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बताया कि 01-04-2005 को अथवा उसके उपरान्त उत्तर प्रदेश सरकार की सेवा में अथवा सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं अथवा स्वायत्तशासी संस्थाओं में नियुक्त कर्मचारी राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली से आच्छादित हैं। केन्द्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली दिनांक 01-01-2004 से लागू की गयी है। प्रदेश में राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एन0पी0एस0) के अन्तर्गत माह जनवरी, 2023 तक 5.95 लाख सरकारी कर्मचारियों तथा सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं के एवं स्वायत्तशासी संस्थाओं के 3.50 लाख कर्मचारियों का पंजीकरण एन०पी०एस० में किया जा चुका है। माह जनवरी, 2023 तक सरकारी कर्मचारियों के प्रान (परमानेन्ट रिटायरमेंन्ट एकाउण्ट नम्बर) खातों में रू0 28,836 करोड़ की धनराशि तथा सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं एवं स्वायत्तशासी संस्थाओं के कर्मचारियों के प्रान खातों में रू0 14,262 करोड़ की धनराशि अंतरित की जा चुकी है।
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली, सरकार के राजकोषीय स्थिति में संतुलन बनाये रखने तथा न केवल सरकारी कर्मचारियों अपितु संगठित / असंगठित क्षेत्र के कार्मिकों, तथा सामान्य जन के लिए बेहतर राष्ट्रव्यापी वृद्धावस्था सुरक्षा व्यवस्था विकसित करने के उद्देश्य के साथ लायी गयी है।
उपर्युक्त कारणों से राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली को समाप्त कर पुरानी पेंशन लागू किया जाना सम्भव नहीं है।