Tuesday 21 February 2023

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने NEP 2020 के तहत बालवाटिका को किया लॉन्च। अब बच्चे करेंगे 'जादुई पिटारा' से पढ़ाई

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने NEP 2020 के तहत बालवाटिका को किया लॉन्च। अब बच्चे करेंगे 'जादुई पिटारा' से पढ़ाई


जादुई पिटारा' तैयार करने वाली एनसीईआरटी टीम की सदस्य प्रोफेसर रंजना अरोड़ा ने बताया कि इसे प्लेबुक, खिलौने, पहेलियां, कठपुतलियां, पोस्टर, फ्लैश कार्ड, कहानी की किताबें, वर्कशीट, एनीमेशन, आकर्षक किताबें के साथ-साथ स्थानीय संस्कृति, सामाजिक संदर्भ और भाषाओं को मिलाकर तैयार किया गया है।

भारत सरकार में केंद्रीय शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को बालवाटिका 1, 2 व 3 तथा पहली व दूसरी कक्षा के लिए एनसीईआरटी द्वारा तैयार 'जादुई पिटारा' नामक पाठ्यक्रम को लॉन्च किया। इस दौरान केंद्रीय शिक्षामंत्री श्री प्रधान ने कहा कि इस उम्र के बच्चे खेल-खेल में अधिक सीखते हैं। इसलिए उन्हें किताबों के बोझ से छुटकारा देने वाला यह 'जादुई पिटारा' खेल, चित्रकला, नृत्य व संगीत के माध्यम से बच्चो को शिक्षा से जोड़ेगा। 

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की सिफारिशों के तहत तैयार बाल वाटिका 1, बालवाटिका 2, बालवाटिका 3 तक के बच्चों के लिए बैग की जरूरत भी होगी, जबकि पहली व दूसरी कक्षा के छात्रों को भी किताबों के भारी भरकम बोझ से छुटकारा मिलेगा। इन सभी कक्षाओं के छात्रों को 13 भारतीय भाषाओं में सीखने और पढ़ने का मौका मिलेगा। दिल्ली स्थित अंबेडकर भवन में केंद्रीय शिक्षामंत्री ने राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा और राष्ट्रीय संचालन समिति के अध्यक्ष डॉ. के कस्तूरीरंगन की उपस्थिति में बुनियादी चरण के लिए शिक्षण-अध्यापन सामग्री का शुभारंभ किया। शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुसार इस ‘जादुई पिटारा’ में 3 से 8 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों के लिए खेल, चित्रकला, नृत्य व संगीत पर आधारित शिक्षा की रूपरेखा तैयार की गयी है।

बालवाटिका में किताब और कॉपी नहीं

बालवाटिका 1, 2 और 3 के बच्चों का कोई स्कूल बैग नहीं होगा। बच्चे घर से अपने स्कूल बैग में अपने मनपसंद खिलौने, कपड़े और टिफिन लेकर आएंगे। 

जादुई पिटारा' की खासियत

'जादुई पिटारा' तैयार करने वाली एनसीईआरटी टीम की सदस्य प्रोफेसर रंजना अरोड़ा के अनुसार इसे प्लेबुक, खिलौने, पहेलियां, कठपुतलियां, पोस्टर, फ्लैश कार्ड, कहानी की किताबें, वर्कशीट, एनीमेशन, आकर्षक किताबें के साथ-साथ स्थानीय संस्कृति, सामाजिक संदर्भ और भाषाओं को मिलाकर तैयार किया गया है। 

  • राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा के तहत विकसित 'जादुई पिटारा' 13 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है। 
  • यह सीखने-सिखाने के माहौल को समृद्ध करने, बाल-केंद्रित, जीवंत और आनंदमय बनाने की दिशा में कारगर होगा।
  • स्कूल में पारंपरिक डेस्क व बेंच की जगह लकड़ी के घोड़े, गोल आकार की मेज, छोटी-छोटी कु़र्सियां और सामने दीवार पर बड़ी सी स्क्रीन। यहां अलग-अलग कार्टून, कहानियां, डांस, ड्राइंग के माध्यम से बच्चे खेल-खेल में जमा-घटाव, अंक, बात करने का तरीका, भाषा और अन्य जानकारियां हासिल करेंगे।
  • सभी बच्चों को किसी न किसी खेल से जुड़ना जरूरी होगा ।
  • केवल किताबें ही नहीं, बल्कि सीखने और सिखाने के लिए अनगिनत संसाधनों का उपयोग होगा। इनमें खिलौने, पहेलिया, कठपुतलियां, पोस्टर, फ्लैश कार्ड वर्कशीट्स और आकर्षक किताबें आदि शामिल हैं।
  • इनमें स्थानीय परिवेश, पर्यावरण, संदर्भ और समुदाय आदि से जुड़ी जानकारियों को भी जोड़ा गया है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने NEP 2020 के तहत बालवाटिका को किया लॉन्च। अब बच्चे करेंगे 'जादुई पिटारा' से पढ़ाई Rating: 4.5 Diposkan Oleh: Apne Sir Ji